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होल्हाबाग नवयुवा समिति बांकी : पांच दिनों तक चला सांस्कृतिक उत्सव ,धूमधाम से मनाई दीपावली,

अभय न्यूज मुंगेली,

होल्हाबाग नवयुवा समिति, बांकी द्वारा माँ महालक्ष्मी, माँ सरस्वती एवं भगवान गणेश जी की स्थापना कर दीपावली का पावन पर्व हर्षोल्लास एवं पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। धनतेरस से लेकर भाईदूज तक पांच दिनों तक पूरे गांव का वातावरण आनंद, उत्सव और उल्लास से भरा रहा।इन पांच दिनों के दौरान समिति द्वारा बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से जलेबी दौड़, फुगड़ी, रंगोली, नींबू दौड़, बोरा दौड़, मेढ़क दौड़, फुग्गा फोड़, कुर्सी दौड़, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित विभिन्न रोचक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विजेताओं को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया। दीपावली के दिन माँ महालक्ष्मी जी की भव्य महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए और एक साथ आरती कर गाँव के सुख-समृद्धि की कामना की।

संस्था के संस्थापक रामपाल सिंह ने बताया कि हमारी सनातन संस्कृति में व्रत, पर्व और उत्सवों का विशेष महत्व है। ये केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर करने और सामाजिक समरसता बनाए रखने का माध्यम हैं। संस्था के अध्यक्ष पवन निर्मलकर ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य गाँव में आपसी एकता, भाईचारा और सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखना है। भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का यही सबसे सशक्त माध्यम है। इसी भावना के साथ हमारी संस्था पिछले 13 वर्षों से यह आयोजन निरंतर करती आ रही है। आयोजन की सफलता में समिति के संस्थापक रामपाल सिंह, संयोजक नागेश साहू, अध्यक्ष पवन निर्मलकर, उपाध्यक्ष मयंक कैवर्त, यशवंत साहू, योगेंद्र पूरी, सचिव गोपाल यादव, वरिष्ठ सदस्य विकास सिंह, अंशुल पूरी, रिकेश पूरी, देवराज साहू, योगेश पूरी, सनत साहू, ब्रजराज पूरी, चंदन पूरी, खेलावन यादव, भोला पूरी, पिंटू पूरी, मुकेश श्रीवास, सांस्कृतिक प्रभारी बबलू साहू, पर्यावरण प्रभारी रिंकू यादव, संजय यादव, राकेश यादव, योगेंद्र साहू, भुवन साहू, टीपू निर्मलकर, लोकेश श्रीवास, किशन यादव, दिलीप गोस्वामी, जीवेश, राघवेंद्र, अश्वनी, रामावतार, रमाकांत, किशन, प्रदीप, सुखदेव, संजय, रवि, सुभाष, अमित, असवंत, मक्कू, भूपेंद्र, भवानी, जगन्नाथ, रामु, राजेश, अनिल, टाइगर, मोनू, लल्लू सहित सभी सदस्यों एवं ग्रामवासियों का विशेष सहयोग एवं योगदान रहा।

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