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आकाशवाणी अंबिकापुर की परिवहन निविदा पर प्रश्नचिह्न, शर्तों में बदलाव से उठे सवाल

अंबिकापुर।सरकारी ई–बाज़ार GEM पोर्टल पर जारी निविदाओं को लेकर हाल के दिनों में लगातार गड़बड़ियों की खबरें आ रही हैं। इसी क्रम में आकाशवाणी अंबिकापुर से जुड़ी परिवहन निविदा का एक नया मामला सामने आया है।

जानकारी में पता चला है कि GEM Bid No. GEM/2025/B/6672433 के अंतर्गत जारी निविदा में पूर्व में लागू कठोर शर्तों को बदलकर प्रक्रिया को ढीला किया गया है।

पूर्व की निविदा में नियम

भाग लेने वाले ठेकेदार अथवा कम्पनी के नाम पर कम से कम 10 वाहन होना आवश्यक था।

इनमें से कम से कम 8 वाहन वर्ष 2019 अथवा उससे बाद के मॉडल के होने चाहिए थे। सभी वाहन टैक्सी अनुज्ञा–पत्र (परमिट) और पूरे काग़ज़ात (पंजीयन, कर अदायगी, बीमा आदि) के साथ होने चाहिए थे।

ठेकेदार के पास कम से कम 5 वर्ष का केन्द्रीय शासन के अंतर्गत समान कार्य का अनुभव होना अनिवार्य था।

न्यूनतम औसत वार्षिक टर्नओवर की शर्त 50 लाख रुपये रखी गई थी।

नई निविदा में बदलाव

10 वाहनों की अनिवार्यता हटा दी गई।

2019 अथवा उससे नए 8 वाहनों की शर्त समाप्त कर दी गई।

केन्द्रीय शासन में 5 वर्ष के अनुभव की शर्त भी हटा दी गई।

अब केवल इतना प्रावधान है कि वाहन 4 वर्ष से अधिक पुराने न हों।

न्यूनतम औसत वार्षिक टर्नओवर की शर्त 50 लाख से घटाकर केवल 6 लाख रुपये (पिछले 3 साल का औसत) कर दी गई।

जब वर्तमान समय में अधिकांश शासकीय विभाग अपने निविदा नियमों में 2 से 3 वर्ष से अधिक पुरानी गाड़ियों को स्वीकार नहीं करते, तो यहाँ 4 वर्ष पुरानी गाड़ियों तक की अनुमति देना कई प्रश्न खड़े करता है।

इसी तरह, जहाँ पहले टर्नओवर की न्यूनतम सीमा 50 लाख रुपये रखी गई थी, उसे घटाकर 6 लाख कर देना भी निविदा प्रक्रिया की कठोरता को कम करता है और प्रतियोगिता की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

जबकि सरकार निविदा के अंतर्गत पूरी राशि का भुगतान कर रही है, ऐसे में नवीनतम मॉडल की गाड़ियों और मजबूत वित्तीय क्षमता वाले ठेकेदारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी। इसके विपरीत, इन बदलावों से निविदा की गुणवत्ता और निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न होता है।

फिलहाल इस निविदा (Bid No. GEM/2025/B/6672433) पर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

 

निविदा की शर्तों में किए गए बदलाव से पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़े होते हैं। यह मामला GEM पोर्टल पर सामने आ रही गड़बड़ियों की श्रृंखला का हिस्सा प्रतीत होता है और इसकी जाँच आवश्यक है।

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