
अभय न्यूज मुंगेली,
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संघ के स्वास्थ्यकर्मियों ने हड़ताल के 15वे दिन पकौड़ा तल के अपना विरोध प्रदर्शन किये ,उनका कहना है कि प्रदेश मे स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, कई जिले मे डायरिया जैसी गंभीर बीमारी का प्रकोप चल रहा है फिर भी सरकार को लोगो की परवाह नहीं है, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संघ के स्वास्थ्यकर्मियों का हड़ताल आज 15वें दिन भी जारी रहा। अपनी लंबित मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्यकर्मी लगातार आंदोलनरत हैं। सोमवार को धरना स्थल पर संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ अनोखे तरीके से विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों ने पकौड़ा तलकर सरकार की संविदा नीति और उपेक्षा को उजागर किया। पकौड़ा के जरिए उन्होंने अपने दर्द और समस्याओं को जनता के सामने प्रस्तुत किया। संविदा कर्मचारियों ने एक तरफ पकौड़ा तलकर एवं दूसरी तरफ संघ के संविदा कर्मचारियों ने उप मुख्यमंत्री माननीय अरुण साव जी को ज्ञापन दिया, उपमुख्यमंत्री के द्वारा आस्वस्थ्य किया गया की सरकार आपकी बात सुन रही है ।
उल्लेखनी है कि प्रदेश में कार्यरत 16,000 से अधिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारी अपनी नियमितीकरण एवं 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। हड़ताल का आज 15वां दिन है और इसका सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर देखने को मिल रहा है। लगातार सेवा देने के बावजूद पिछले 20 वर्षों से NHM कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार से कई बार वार्ता होने के बावजूद उन्हें केवल आश्वासन मिला है, लेकिन स्थायित्व और उचित वेतनमान आज तक नहीं मिल सका। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में नियमितीकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन, स्थानांतरण नीति, सेवा शर्तों का निर्धारण और सामाजिक सुरक्षा लाभ शामिल हैं। हड़ताल के चलते जिले के जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रो में स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं। चिकित्सा अधिकारी, नर्स, ANM,लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, काउंसलर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, अकाउंटेंट सहित अन्य संविदा स्टाफ भी हड़ताल में शामिल हैं, जिससे अस्पतालों में मरीजों की भारी परेशानी बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। CHO और ANM के हड़ताल पर जाने से उप स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह बंद हो गए हैं। बरसात के मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन उन्हें समय पर इलाज और दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। कई मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। हड़ताल की वजह से राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे मलेरिया, टीबी, टीकाकरण, महामारी निगरानी और प्रसव सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। OPD और आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होने से मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। संघ का कहना है कि यह संघर्ष केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि लाखों मरीजों और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ा है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। उन्होंने कहा कि आम जनता को हो रही परेशानी के लिए पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी और कर्मचारी अपने हक और भविष्य की सुरक्षा की लड़ाई जारी रखेंगे। इस अवसर पर डॉ अखिलेश बंजारे, डॉ मीनाक्षी बंजारे, मनीष गुप्ता, अमित दुबे, अमिताभ तिवार, धीरज रात्रे, रितेश मिश्रा, अवि साहू, दीनदयाल बंजार, माहेश्वरी पात्रे, तोशेर अहमद, मनीषा साहू, प्रियंका पात्रे, रुबेन दास, राजकुमार साहू, संदीप बंजारे, चन्द्रसेन, संदीप राजपूत, उदय भानु सिंह बंजारे, गोविन्द साहू, विनोद देवांगन, राकेश वैष्णव, राहुल , डॉ ज्योति पाण्डेय, डॉ शशांक उपाध्याय, नेहा सिंह, सुषमा पाण्डेकर, रीना राही, अर्चना लाल, बलराम साकत, भावेश वर्मा, ओमप्रकाश साहू सहित बड़ी संख्या मे एन एच एम के स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहे!