
अभय न्यूज मुंगेली,
प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया है कि दशहरा अवकाश 29 सितंबर से 4 अक्टूबर के दौरान हाई और हायर सेकंडरी स्कूल के व्याख्याताओं को खेतों में जाकर ऑनलाइन गिरदावरी करने का । इस पर शिक्षकों ने गहरा विरोध जताया। इसके अलावा शिक्षकों से ऐसे गैर शिक्षकीय काम लिए जाने के आदेश की किरकिरी भी होनी शुरू हो गई है।छत्तीसगढ़ शासन से मान्यता प्राप्त संगठन गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने इस आदेश का तीखा विरोध करते हुए बताया कि शिक्षकों को बिना बीमा और पारिश्रमिक के खेतों में भेजना सरासर अन्याय है। खेत की मेड़ पर सांप, बिच्छू और दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदार कौन होगा..? महिला, बुजुर्ग और बीमार शिक्षकों को यह ड्यूटी लगाना पूरी तरह आपत्तिजनक है।
संगठन के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग का कहना है कि सरकार के अफसर यह तय नहीं कर पा रहे कि शिक्षक के लिए स्कूल महत्वपूर्ण है या फिर खेत है । एक ओर मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता 90 प्लस अभियान के तहत मासिक जिम्मेदारियां और मूल्यांकन थोपे गए है। वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को खेतों में गिरदावरी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
नवरंग का कहना है कि मुंगेली जिला इस मामले में अव्वल बन गया है..। उन्होंने जिला कलेक्टर से निवेदन किया कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए, ताकि वे पूरी ऊर्जा से पढ़ाई और शिक्षा की गुणवत्ता सुधार पर ध्यान केंद्रित कर सकें।