रमाबाई अंबेडकर कन्या छात्रावास में वर्चस्व को लेकर संघर्ष

आदिम जाति कल्याण छात्रावास की छात्राओं को बाहर करने के लिए शिकायतों का दौर
उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में स्थित रमाबाई अंबेडकर कन्या छात्रावास में वर्चस्व को लेकर छात्राओं के बीच जंग शुरू हो गई है। आदिम जाति कल्याण छात्रावास की छात्राओं को खदेड़ने क के लिए बाहरी लोगों के छात्रावास में आने की शिकायत की जा रही है।
रमाबाई अंबेडकर कन्या छात्रावास में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्राएं रहती हैं। इस छात्रावास के ठीक पीछे आदिम जाति कल्याण छात्रावास भी है, लेकिन इस छात्रावास के भवन की हालत खराब है। इस कारण 2017 से इस छात्रावास की 60 छात्राओं को रमाबाई अंबेडकर छात्रावास की पहली मंजिल पर 11 कमरों में शिफ्ट कर दिया गया था।
निचली मंजिल पर रमाबाई अंबेडकर कन्या छात्रावास की 35 छात्राएं रहती हैं। अब तक शांति से रहने वाली इन छात्राओं के बीच अब राजनीति शुरू हो गई है। छात्रावास में वर्चस्व के लिए रमाबाई अंबेडकर की छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है। वह छात्रावास खाली कराने के लिए प्रभारी कुलपति डॉ. शैलेंद्र शर्मा से मिली और उनसे हॉस्टल में पुरुषों के आने की शिकायत की।
प्रभारी कुलपति ने शिकायत की जांच करवाने और उसके बाद प्रभावी कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। इसके बाद से यह हॉस्टल में चर्चा में आ गया है। अभय न्यूज के वीडियो जर्नलिस्ट शकील खान पूरे मामले की तहकीकात करने के लिए छात्रावास पहुंचे तो मामला छात्राओं के बीच गुटीय राजनीति का लगा।
पूरे मामले में रमाबाई अंबेडकर कन्या छात्रावास की सहायक वार्डन शोभासिंह ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बहरहाल पूरे मामले का सच जांच के बाद ही सामने आएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बारे में सच्चाई का पता लगाना चाहिए, क्योंकि यह मामला छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।