महाकाल बाबा ने खेली सबसे पहले होली।

5100 कंडो की होली
MADHYA PRADESH :- मध्य प्रदेश में कई जगहों पर कल यानि सोमवार को होली जली, लेकिन कुछ जगह आज होली जलाई जाएगी। महाकाल में सबसे पहले होलिका दहन किया जाता है, सोमवार रात महाकाल उज्जैन में होलिका दहन किया गया, जिसके चलते आज सुबह महाकाल का चंदन और सूखे मेवे से दिव्य श्रृंगार किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर्व मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। तड़के भस्मारती में पंडे-पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ होली खेली। इस दौरान बाबा का दरबार रंगों से सराबोर नजर आया।
रंगो के त्यौहार होली की शुरूआत सबसे पहले बाबा महाकाल के दरबार से हुई। यहां परंपरा अनुसार तड़के भस्मारती में बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल लगाया गया। इसके बाद पंडे-पुजारियों ने श्रद्धालुओं के साथ भी जमकर होली खेली। उन्होंने भक्तों पर गुलाल और फूल बरसाए। इस दौरान श्रद्धालु भी भक्ति में झूमते नजर आए। दरअसल, बाबा महाकाल के दरबार में मनाई जाने वाली होली को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे।
साथ ही उज्जैन के सिंहपुरी में सबसे बड़ी वैदिक होली मानी जाती है, उज्जैन के सिंहपुरी में मंगलवार सुबह 6 बजे 5100 कंडों की 20 फीट ऊंची होलिका जलाई गई। सिंहपुरी की होली जलाने राजा भृतहरि आया करते थे, साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चकमक पत्थरों का उपयोग कर होली जलाई जाती थी तब से यह परंपरा चली आ रही है। उसी के चलते सालो से होलिका दहन इन्ही साडी रस्मो के साथ किया जाता है।
मध्य प्रदेश के इंदौर के राजबाड़ा और ग्वालियर में सनातन धर्म मंदिर पर होली जलाई गई। भोपाल, जबलपुर, सागर, रीवा में आज मंगलवार को होलिका दहन होगा। 28 साल में ऐसा दूसरी बार हो रहा है की दो दिन होलिका दहन हो रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि होली पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है। पूर्णिमा 6 और 7 मार्च दोनों दिन है। 2023 से पहले ऐसा 1994 में ऐसा ही हुआ था।
मध्य प्रदेश के काफी जिलों में आज होलिका दहन होगा और कल रंगो से होली खेली जाएगी। भारत में होली बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है इस दिन सं अपने आपसी मुठभेठ चोर एक दूसरे को रंग लगाते है और होली का त्यौहार मनाते है।