उज्जैनमध्य प्रदेश

जेल के फोन से रोज 30 हजार कमा रही जेल अधीक्षक

सभी 14 लैंडलाइन फोन 2 हजार रुपए रोज पर चल रहे ठेके पर

उज्जैन :- केंद्रीय जेल भैरवगढ़ की जेल अधीक्षक उषा राजे अपने पद का दुरुपयोग कर लाखों रुपए प्रति महीना कमाकर अपने वारे न्यारे कर रही है। शायद ही ऐसा कोई काम हो जिसमें उषा राज को धन दिखाई ना देता हो। जेल के भीतर कैदियों की सुविधाओं के लिए लगे 14 लैंडलाइन फोन भी उस राज के लिए कमाई का जरिया बन चुके हैं। प्रत्येक फोन को 2 हजार रुपए रोज के हिसाब से ठेके पर दे रखा है। इसके अलावा मुलाकात पर तैनात सिपाही भी उषा राज का कमालपुर बना हुआ है। आइए आज आपको उस राज की एक और कारगुजारी से वाकिफ करवाते हैं।

कभी कल्याण अधिकारी के मामूली पद पर भर्ती हुई उज्जैन केंद्रीय जेल की प्रभारी जेल अधीक्षक उषा राज ने धन कमाने के लिए हर हथकंडे को इस्तेमाल कर रखा है। जेल में बंद कैदियों को अपने परिजनों से बात करने के लिए 14 लैंडलाइन फोन उपलब्ध हैं। उन्हें भी धन कमाने का जरिया बना लिया है। आइए हम आपको बताते हैं कि खेल होता कैसे हैं। कहने को तो जेल में सजायाफ्ता कैदियों से बात करने के लिए लैंडलाइन नंबर है जिन पर उनके परिजन फोन लगा कर बात कर सकते हैं लेकिन उषा राज ने प्रत्येक फोन 2 हजार रुपए प्रतिदिन के मान से बंदियों को ही ठेके पर दे रखा है। इन नंबरों पर कुछ मोबाइल नंबर से ही बात हो पाती है। दरअसल, यह पूरा खेल ऐसे खेला जाता है कि किसी भी परिजन को अगर अपने कैदी से बात करनी है तो उसे उस मोबाइल नंबर से ही काॅन्फ्रेंस के जरिए बात करवाई जाती है।

इसके भी रेट हैं अगर 10 मिनट बात होगी तो उसके 500, 20 मिनट बात होगी तो उसके 1 हजार और 1 घंटे बाद होगी तो 5 हजार का शुल्क आता है। कोई भी जेल के नंबरों पर फोन लगाता रहे लेकिन वह उठेगा नहीं क्योंकि अंदर और बाहर बैठे लोग आपस में तय कर लेते हैं कि आज किन लोगों की बात कैदियों से करवानी है। इसके लिए बाहर बैठे शख्स के पास उन लोगों के नंबर की लिस्ट पहुंच जाती है जिनकी कॉल उस मोबाइल पर आनी है। फिर उस मोबाइल से अंदर के नंबर को कांफ्रेंस के जरिए जोड़ दिया जाता है और समय के हिसाब से पैसा लिया जाता है सूत्रों की मानें तो 1 दिन में फोन में मोबाइल के इस खेल में लगभग 70 हजार रोज आते हैं। इसमें से 30 हजार रोज उषा राज्य की जेब में पहुंचते हैं।

जेल के अंदर के सभी लैंडलाइन नंबर बीएसएनएल के हैं। इसलिए इस बात का आसानी से पता लगाया जा सकता है कि कौन-कौन से मोबाइल से काॅन्फ्रेंस की जरिए बात हुई है। वैसे इस मामले को लेकर एक शिकायत भी जेल मुख्यालय को हो चुकी है और जल्द ही इसकी जांच भी शुरू हो जाएगी। अब चलिए उषा राज के एक और काले कारनामे की तरफ लेकर चलते हैं। जेल में बंद कैदियों को परिजनों से मुलाकात के लिए पात्रता होती है, इसके लिए उन लोगों के नाम पहले से ही दर्ज होते हैं जिन से बंदी मिलना चाहता है लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि वह लोग भी मुलाकात के लिए जा पहुंचते हैं जिनके नाम सूची में दर्ज नहीं है। ऐसे लोगों से एक मुलाकात के नाम पर 500 रूपए लिए जाते हैं।

उषा राज का खास गुर्गा प्रहरी देवेंद्र चौहान इस मुलाकात में अपनी जेब गर्म करता है। यही नहीं जिन कैदियों की मुलाकात सप्ताह में एक बार हो चुकी है उनकी मुलाकात के एवज में भी देवेंद्र चौहान मोटी रकम लेता है। यहां हम आपको बता दें कि प्रत्येक कैदी को सप्ताह में एक बार मिलने की इजाजत होती है। मुलाकात के इस खेल में सुबह से लेकर शाम तक करीब 20 से 25 हजार रुपए की इनकम होती है जिसमें से 15 हजार प्रतिदिन उषा राज को मिलता है। जेल मुख्यालय के अधिकारी चाहें तो मुलाकात स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे देख सकते हैं। आज के लिए बस इतना ही। अगले एपिसोड में हम बताएंगे उषा राज के उस काले सच के बारे में जिसे कम ही लोग जानते हैं। वह कौन सी जेल में बतौर कैदी बंद रही और क्यों रही, इसका भी खुलासा करेंगे, देखते रहिए अभय न्यूज।

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