पौष मास की सेहतमंद परंपराएं:सुबह जल्दी उठकर नहाने से डायजेशन में सुधार होता है, व्रत रखने और सूर्य पूजा करने से बढ़ती है उम्र

9 दिसंबर से पौष महीना शुरू हो गया है। ये 6 जनवरी तक रहेगा। ये दसवां हिंदी महीना होता है। इन दिनों सूर्य वृश्चिक और धनु राशि में होता है। इसलिए हेमंत ऋतु रहती है। पुराणों में इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पौष महीने से जुड़ी कुछ परंपराएं बनी हुई हैं। जिनमें सूर्य को अर्घ्य देना, तीर्थ स्नान करना, व्रत रखना या एक वक्त खाना खाने की सलाह दी गई है।
धर्म ग्रंथों और आयुर्वेद के जानकारों के मुताबिक इन परंपराओं को डेली रूटीन में शामिल करने से सेहत में सुधार होता है और उम्र भी बढ़ती है। जानते हैं पौष महीने के दौरान क्या करें…
सुबह जल्दी उठकर नहाना
पौष मास के दौरान हेमंत ऋतु होती है। पुराणों की सलाह है कि इस महीने में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। ऐसा न कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहा सकते हैं। आयुर्वेद के जानकार कहते हैं कि सुबह जल्दी उठकर नहाने से शरीर में मौजूद वात, पित्त और कफ बैलेंस रहते हैं। जिससे डायजेशन अच्छा रहता है और सेहत में सुधार होता है।
सूर्य पूजा से बढ़ती है उम्र
पुराणों में पौष महीने के दौरान सूर्योदय से पहले उठने और उगते हुए सूरज के दर्शन करने की सलाह दी गई है। इसलिए इन दिनों जल्दी उठकर नहाने और सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा बनी। ऐसा करने पर सूर्य की रोशनी से मिलने वाले विटमिन डी की कमी नहीं होती। इससे सेहत अच्छी रहती है और उम्र बढ़ती है।
व्रत और एक वक्त खाना
महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि पौष मास में एक वक्त खाना खाने से सौभाग्य और यश मिलता है। ऐसा इंसान लंबी उम्र जीता है। शिव पुराण का कहना है कि पौष महीने में व्रत रखते हुए गायत्री मंत्र और नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से मोक्ष मिलता है।
खाने में तिल-गुड़ शामिल करें और दान दें
हेमंत ऋतु के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को ठंड से बचाने के लिए तिल-गुड़ खाने की परंपरा है। साथ ही इस महीने में अजवाइन, लौंग, अदरक और घी खाना भी फायदेमंद होता है। इन चीजों की तासीर गर्म होती है इससे शरीर को गर्मी मिलती है। इसी खासियत को ध्यान में रखते हुए पौष महीने में इनका सेवन खासतौर पर किया जाता है।