खड़ी फसल नष्ट करने पहुंचा प्रशासन, किसान ने पीया जहर
किसानों और प्रशासनिक अफसरों के बीच संघर्ष भी हुआ
उज्जैन : नरवर थाने के गावड़ी में अधिग्रहित जमीन पर खड़ी फसल उजाड़ने गए प्रशासनिक अमले की किसानों से शुक्रवार को जमकर झड़प हुई। कम मुआवजा मिलने से नाराज किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया और इस बीच एक किसान ने जहरीला पदार्थ पी लिया। उसे उपचार के लिए उज्जैन के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नॉलेज सिटी के लिए प्रशासन ने नरवर के आसपास की 2100 बीघा जमीन अधिग्रहित की है। किसान जमीन के लिए सरकारी स्तर पर दी जा रही राशि से संतुष्ट नहीं है। सिंचित जमीन के लिए प्रशासन केवल 70 हजार रुपए बीघा का मुआवजा दे रहा है और इसके चलते गावडी के किसानों ने जमीन देने से इंकार कर दिया है।
इन लोगो ने कोर्ट में भी केस लगा रखे हैं और अभी इनका निराकरण तक नहीं हो रहा है। 2008 से अधिग्रहित इस जमीन को लेकर प्रशासन और किसानों के बीच तनाव जारी है। इस साल भी किसानों ने जमीन पर फसल बो रखी है और इसे ही हटाने प्रशासनिक अमला पहुंचा था। इसी बीच दोनों तरफ से संघर्ष शुरू हो गया।
अफसरों से किसानों ने जमकर हुज्जत की और विवाद काफी देर तक चलता रहा। इसी बीच गावड़ी के रहने वाले कालू सिंह सिसौदिया दरबार ने जहर पी लिया। दरबार की जब हालत बिगड़ने लगी तो किसान उपचार के लिए उज्जैन लेकर पहुंचे।